छोड़ दो यह गन्दी आदते नहीं तो कभी सफल नहीं होगे
इस आर्टिकल में आपका स्वागत है इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अगर हमें आईएएस की तैयारी करनी है तो हमें कितना घंटा पढ़ना चाहिए और किस तरह से पढ़ना चाहिए ताकि हमारा आईएस में सिलेक्शन हो जाए इस तरह की तमाम बातों का उत्तर हम अपने इस आर्टिकल में जानेंगे वह भी बड़ी आसानी के साथ.
आईएएस (IAS)की तैयारी क्यों करें- सबसे पहले बात यह आती है कि हमें आईएएस की तैयारी क्यों करनी चाहिए, और इसे करने से क्या फायदा है तो अगर आपको आईएएस अफसर बनना है या IFS अफसर बनना है या कस्टम विभाग में अफसर बनना है, तो आपको आईएएस की तैयारी करनी चाहिए, आईएस की तैयारी करके ही लोग एसडीएम और डीएम बनते हैं.
आई एफ एस का मतलब यहां 2 तरीके से है पहला तो इंडियन फॉरेन सर्विस और आई एफ एस का दूसरा मतलब हो गया इंडियन फॉरेस्ट सर्विस बहुत समय पहले इंडियन फॉरेस्ट सर्विस का एग्जामिनेशन अलग से होता था लेकिन अब इसे आईएस में ही मिला दिया गया है यानी अगर आपको इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में अफसर का पद प्राप्त करना है तो आपको आईएएस एग्जामिनेशन के थ्रू ही जाना होगा.
आईएएस एग्जामिनेशन पास करने के बाद भी आपको डायरेक्ट डीएम नहीं बना दिया जाता है पहले छोटे पोस्ट दिए जाते हैं बाद में प्रमोट होकर आप डीएम बन जाते हैं जैसे अगर आपने आईएस की परीक्षा अच्छे नंबर से प्राप्त कर ली है अर्थात अच्छी रैंक प्राप्त कर लिए हैं तो आपको एसडीएम बना दीया जाएगा आपकी चॉइस के अनुसार फिर आपको 4 या 5 साल के बाद या लगभग 8 साल बाद आपको डीएम बना दिया जाता है आपकी experience के बेसिस पर.
आईएएस की तैयारी के लिए सक्रियता के साथ पढ़ाई करें-
अगर आईएस की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको सक्रियता के साथ पढ़ाई करनी होगी तभी आपका आईएएस में सिलेक्शन होगा, अन्यथा बहुत ही मुश्किल है.
क्योंकि हर साल लगभग 1000000 स्टूडेंट आईएस के लिए अप्लाई करते हैं जिसमें से 500000 स्टूडेंट की शामिल होते हैं और लगभग 50,000 से अधिक छात्र मेन परीक्षा के लिए क्वालिफाइड होते हैं और उनमें से भी लगभग 6000 छात्र इंटरव्यू की परीक्षा के लिए क्वालीफाई करते हैं और अंत में लगभग एक हजार छात्र फाइनली आईएस में चयनित होते हैं.
1000000 छात्र जब आईएस का फॉर्म भरते हैं तो लगभग हर कोई सोचता है कि वह कुछ न कुछ बन ही जाए और सबकी चाहत तो पूरा होती नहीं है इसलिए जरूरी यह है कि जब भी आप आईएस की तैयारी करें तो साथ में बैकअप लेकर चले इससे फायदा यह होगा कि अगर आपका आईएएस में सिलेक्शन नहीं हुआ तो भी आप अपना कैरियर का ग्राफ आगे ले जा सके .
तो ऐसी व्यवस्था जरूर रखें जिससे आप की दाल रोटी का हिसाब कभी रुकने ना पाए चाहे भले ही आईएस में सलेक्शन हो या ना हो , अगर हो गया तो अच्छी बात है अगर नहीं भी हुआ तो उसी के ले कर बैठना नहीं है और पछतावा नहीं करना है बल्कि आगे की सोचना है और अपना जीवन आगे ले जाना है साथ में अपने परिवार के जीवन को भी आगे लेकर जाना है इसीलिए बैकअप लेकर चलना बहुत ही जरूरी है.
पढ़ाई के साथ आवारागर्दी ना करें- अधिकतर यह देखा गया है कि लोग तैयारी करने के साथ-साथ आवारागर्दी भी खूब करते हैं जिससे उनका सिलेक्शन होना लगभग नहीं के बराबर माना जाता है, और तो ऐसी गलतियां बिल्कुल न करें पूरे शुद्ध मन से तैयारी करें और शुद्ध होकर क्योंकि इसमें कठिन परिश्रम के साथ-साथ मन की शुद्धता का होना भी जरूरी है शुद्ध मन से किया गया प्रयास ही अंत का सफल होता है अतः तन मन को आप स्वस्थ रखें और किसी तरह का गंदगी ना रखें तभी आप आईएएस की परीक्षा पास कर पाएंगे.
अधिकतर देखा गया है कि तेज से तेज लड़के जो आईएस निकाल सकते हैं वह भी बहुत ही आराम के साथ लेकिन विफल इसलिए होते हैं क्योंकि वह लोग लोफरई करने लगते आवारागर्दी करने लगते हैं, जिससे वे सेलेक्ट नहीं हो पाते, आजकल एंड्राइड मोबाइल चला है ज्यादातर लोग उसी में इन्वॉल्व रहते हैं, उल्टे सीधे वीडियो देखते हैं इससे उनका ध्यान भंग होता है, स्त्री सत्संग की इच्छा भावना से वे लोग ऊर्जा का हास्य करते हैं, इसको हस्तमैथुन भी कहते हैं,
आप यकीन माने चाहे ना माने अगर यह चीज जिसको की हस्तमैथुन कहते हैं छात्र छोड़ दे तो उसका सिलेक्शन लगभग होना बहुत हद तक तय माना जाता है लेकिन इसे कोई छोड़ता कहां है क्योंकि यह इतना आसान भी नहीं है बहुत करेगा तो छात्र 10 दिन तक कंट्रोल रख सकेगा लेकिन उसके बाद तो होना लगभग तय ही माना जाता है अगर साल भर कंट्रोल कर ले तो फिर दुनिया की कोई ताकत उसे रोके ही नहीं सकती पढ़ते समय आपको यह बात थोड़ा अजीब लग रहा होगा यह क्या आर्टिकल लिखा गया है लेकिन इसी अजीब भाव में आपकी सफलता का रहस्य छुपा होगा अब इस चीज को वही समझेगा जिसकी नजर तगड़ी होगी
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FAILURE STUDENTS IN IAS PRE EXAM |
आईएएस (IAS)की तैयारी क्यों करें- सबसे पहले बात यह आती है कि हमें आईएएस की तैयारी क्यों करनी चाहिए, और इसे करने से क्या फायदा है तो अगर आपको आईएएस अफसर बनना है या IFS अफसर बनना है या कस्टम विभाग में अफसर बनना है, तो आपको आईएएस की तैयारी करनी चाहिए, आईएस की तैयारी करके ही लोग एसडीएम और डीएम बनते हैं.
आई एफ एस का मतलब यहां 2 तरीके से है पहला तो इंडियन फॉरेन सर्विस और आई एफ एस का दूसरा मतलब हो गया इंडियन फॉरेस्ट सर्विस बहुत समय पहले इंडियन फॉरेस्ट सर्विस का एग्जामिनेशन अलग से होता था लेकिन अब इसे आईएस में ही मिला दिया गया है यानी अगर आपको इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में अफसर का पद प्राप्त करना है तो आपको आईएएस एग्जामिनेशन के थ्रू ही जाना होगा.
आईएएस एग्जामिनेशन पास करने के बाद भी आपको डायरेक्ट डीएम नहीं बना दिया जाता है पहले छोटे पोस्ट दिए जाते हैं बाद में प्रमोट होकर आप डीएम बन जाते हैं जैसे अगर आपने आईएस की परीक्षा अच्छे नंबर से प्राप्त कर ली है अर्थात अच्छी रैंक प्राप्त कर लिए हैं तो आपको एसडीएम बना दीया जाएगा आपकी चॉइस के अनुसार फिर आपको 4 या 5 साल के बाद या लगभग 8 साल बाद आपको डीएम बना दिया जाता है आपकी experience के बेसिस पर.
आईएएस की तैयारी के लिए सक्रियता के साथ पढ़ाई करें-
अगर आईएस की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको सक्रियता के साथ पढ़ाई करनी होगी तभी आपका आईएएस में सिलेक्शन होगा, अन्यथा बहुत ही मुश्किल है.
क्योंकि हर साल लगभग 1000000 स्टूडेंट आईएस के लिए अप्लाई करते हैं जिसमें से 500000 स्टूडेंट की शामिल होते हैं और लगभग 50,000 से अधिक छात्र मेन परीक्षा के लिए क्वालिफाइड होते हैं और उनमें से भी लगभग 6000 छात्र इंटरव्यू की परीक्षा के लिए क्वालीफाई करते हैं और अंत में लगभग एक हजार छात्र फाइनली आईएस में चयनित होते हैं.
1000000 छात्र जब आईएस का फॉर्म भरते हैं तो लगभग हर कोई सोचता है कि वह कुछ न कुछ बन ही जाए और सबकी चाहत तो पूरा होती नहीं है इसलिए जरूरी यह है कि जब भी आप आईएस की तैयारी करें तो साथ में बैकअप लेकर चले इससे फायदा यह होगा कि अगर आपका आईएएस में सिलेक्शन नहीं हुआ तो भी आप अपना कैरियर का ग्राफ आगे ले जा सके .
तो ऐसी व्यवस्था जरूर रखें जिससे आप की दाल रोटी का हिसाब कभी रुकने ना पाए चाहे भले ही आईएस में सलेक्शन हो या ना हो , अगर हो गया तो अच्छी बात है अगर नहीं भी हुआ तो उसी के ले कर बैठना नहीं है और पछतावा नहीं करना है बल्कि आगे की सोचना है और अपना जीवन आगे ले जाना है साथ में अपने परिवार के जीवन को भी आगे लेकर जाना है इसीलिए बैकअप लेकर चलना बहुत ही जरूरी है.
पढ़ाई के साथ आवारागर्दी ना करें- अधिकतर यह देखा गया है कि लोग तैयारी करने के साथ-साथ आवारागर्दी भी खूब करते हैं जिससे उनका सिलेक्शन होना लगभग नहीं के बराबर माना जाता है, और तो ऐसी गलतियां बिल्कुल न करें पूरे शुद्ध मन से तैयारी करें और शुद्ध होकर क्योंकि इसमें कठिन परिश्रम के साथ-साथ मन की शुद्धता का होना भी जरूरी है शुद्ध मन से किया गया प्रयास ही अंत का सफल होता है अतः तन मन को आप स्वस्थ रखें और किसी तरह का गंदगी ना रखें तभी आप आईएएस की परीक्षा पास कर पाएंगे.
अधिकतर देखा गया है कि तेज से तेज लड़के जो आईएस निकाल सकते हैं वह भी बहुत ही आराम के साथ लेकिन विफल इसलिए होते हैं क्योंकि वह लोग लोफरई करने लगते आवारागर्दी करने लगते हैं, जिससे वे सेलेक्ट नहीं हो पाते, आजकल एंड्राइड मोबाइल चला है ज्यादातर लोग उसी में इन्वॉल्व रहते हैं, उल्टे सीधे वीडियो देखते हैं इससे उनका ध्यान भंग होता है, स्त्री सत्संग की इच्छा भावना से वे लोग ऊर्जा का हास्य करते हैं, इसको हस्तमैथुन भी कहते हैं,
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FAILURE STUDENTS IN IAS MAIN EXAM |
आप यकीन माने चाहे ना माने अगर यह चीज जिसको की हस्तमैथुन कहते हैं छात्र छोड़ दे तो उसका सिलेक्शन लगभग होना बहुत हद तक तय माना जाता है लेकिन इसे कोई छोड़ता कहां है क्योंकि यह इतना आसान भी नहीं है बहुत करेगा तो छात्र 10 दिन तक कंट्रोल रख सकेगा लेकिन उसके बाद तो होना लगभग तय ही माना जाता है अगर साल भर कंट्रोल कर ले तो फिर दुनिया की कोई ताकत उसे रोके ही नहीं सकती पढ़ते समय आपको यह बात थोड़ा अजीब लग रहा होगा यह क्या आर्टिकल लिखा गया है लेकिन इसी अजीब भाव में आपकी सफलता का रहस्य छुपा होगा अब इस चीज को वही समझेगा जिसकी नजर तगड़ी होगी
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