Career In Drying & Painting
आज के दौर में चित्रकला महज शौक नहीं है। यह कला भी तेज़ी से एक व्यवसाय का रूप लेती जा रही है।
पेंटिंग को उची हैसियत का प्रतीक मन जाने लगा है। इसी कारन नमी चित्रकारों को तो छोड़िये , नए और छोटे कलाकारों की भी पेंटिंग काफी अच्छे दामों में बिक जाती है।
आये दिन इस प्रकार की चित्रकला प्रर्दशनियों का आयोजन बड़े शहरो में किया जाता है इसी कारन सरकारी ही नहीं बल्कि निजी आर्ट गैलेरियों की संख्या में भी हाल के वर्षो में बढ़ोत्तरी देखने को मिलि है।
ड्राइंग एंड पेंटिंग से मतलब महज कैनवास पर पेंटिंग करने तक सीमित नहीं रह गया है अब इस परिभाषा में फैब्रिक, गिलास और पॉटरी पर जाने वाली पेंटिंग भी शामिल है प्रशिक्षित लोग इस. विधा में काम करने में सक्षम होते हैं. तकनीक के इस तेजी से बदलते युग में 3D पेंटिंग और एनिमेशन भी नए ट्रेंड के तौर पर शुमार हो चुके हैं। स्पेशलिस्ट के मुताबिक में कुल ६ प्रकार की पेंटिंग की विधाओं में वर्गीकृत किया जाता है. वेस्टर्न. स्टर्न. इंडियन. इस्लामिक अफ्रीकन और कोनटेंपरेरी
SKKILL
हाथ और आंख के बीच सटीक समन्वय
विभिन्न रंगों का महत्व और उनकी पेंटिंग बनाने के दौरान प्रासंगिकता
सधे हुए रेखा चित्र बनाने और ब्रश इस्तेमाल करने का हुनर
यह काम श्रम साध्य होता है इसलिए मेहनती होना भी जरूरी है
TRAINING
12वीं के बाद इस कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है यह डिग्री और डिप्लोमा दोनों स्तर पर उपलब्ध है कई संस्थानों में मेरिट तो अन्य में प्रवेश परीक्षा के आधार पर नामांकन होता है., सिलेबस के अनुसार चित्रकला के सिद्धांत, पेंसिल ड्राइंग कार्टून, ड्राई एंड वेट पेंटिंग स्केचिंग,, आयल पेंटिंग आदि का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है. डिप्लोमा के बाद इस विषय से जुड़े डिग्री और पोस्टग्रेजुएट कोर्स भी किए जा सकते हैं. देशभर में कई सरकारी और निजी संस्थान इस तरह का कोर्स संचालन करते हैं और कोर्स में अभ्यास पर काफी जोर दिया जाता है
JOB
इस तरह का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद म्यूजियम, आर्ट गैलरी आदि में जाने का अवसर मिल जाता है इसके अलावा नामी कलाकारों की टीम में भी शामिल होने का अवसर मिलता है.. प्राइवेट गैलरी मे पेंटिंग तैयार करने का काम मिल सकता है. बड़ी कारपोरेट हाउस भी इस तरह की पेंटिंग का संग्रह करने में दिलचस्पी लेते है पेंटिंग तैयार करने में हाथ साफ होने और थोड़ा बहुत अनुभव हासिल करने के बाद पेंटिंग की प्रदर्शनी भी लगाई जा सकती है। पेंटिंग के कद्रदान ओं की संख्या बड़े शहरों में बहुत ज्यादा बढ़ रही है जरा अच्छे दाम पर कलाकृतियां बेचकर कमाई की जा सकती है। इनकी नियुक्तियां, कलाकार ,कला संरक्षण विशेषज्ञ ,व्यवसाय कलाकार, पेंटर ,कला प्रशासक. आदि के तौर पर हो सकती है. इन चीज़ो के अतिरिक्त कला शिक्षक के तौर पर भी स्कूलों में आप काम कर सकते हैं
प्रमुख शिक्षण संस्थान
आज के दौर में चित्रकला महज शौक नहीं है। यह कला भी तेज़ी से एक व्यवसाय का रूप लेती जा रही है।
पेंटिंग को उची हैसियत का प्रतीक मन जाने लगा है। इसी कारन नमी चित्रकारों को तो छोड़िये , नए और छोटे कलाकारों की भी पेंटिंग काफी अच्छे दामों में बिक जाती है।
आये दिन इस प्रकार की चित्रकला प्रर्दशनियों का आयोजन बड़े शहरो में किया जाता है इसी कारन सरकारी ही नहीं बल्कि निजी आर्ट गैलेरियों की संख्या में भी हाल के वर्षो में बढ़ोत्तरी देखने को मिलि है।
ड्राइंग एंड पेंटिंग से मतलब महज कैनवास पर पेंटिंग करने तक सीमित नहीं रह गया है अब इस परिभाषा में फैब्रिक, गिलास और पॉटरी पर जाने वाली पेंटिंग भी शामिल है प्रशिक्षित लोग इस. विधा में काम करने में सक्षम होते हैं. तकनीक के इस तेजी से बदलते युग में 3D पेंटिंग और एनिमेशन भी नए ट्रेंड के तौर पर शुमार हो चुके हैं। स्पेशलिस्ट के मुताबिक में कुल ६ प्रकार की पेंटिंग की विधाओं में वर्गीकृत किया जाता है. वेस्टर्न. स्टर्न. इंडियन. इस्लामिक अफ्रीकन और कोनटेंपरेरी
SKKILL
हाथ और आंख के बीच सटीक समन्वय
विभिन्न रंगों का महत्व और उनकी पेंटिंग बनाने के दौरान प्रासंगिकता
सधे हुए रेखा चित्र बनाने और ब्रश इस्तेमाल करने का हुनर
यह काम श्रम साध्य होता है इसलिए मेहनती होना भी जरूरी है
TRAINING
12वीं के बाद इस कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है यह डिग्री और डिप्लोमा दोनों स्तर पर उपलब्ध है कई संस्थानों में मेरिट तो अन्य में प्रवेश परीक्षा के आधार पर नामांकन होता है., सिलेबस के अनुसार चित्रकला के सिद्धांत, पेंसिल ड्राइंग कार्टून, ड्राई एंड वेट पेंटिंग स्केचिंग,, आयल पेंटिंग आदि का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है. डिप्लोमा के बाद इस विषय से जुड़े डिग्री और पोस्टग्रेजुएट कोर्स भी किए जा सकते हैं. देशभर में कई सरकारी और निजी संस्थान इस तरह का कोर्स संचालन करते हैं और कोर्स में अभ्यास पर काफी जोर दिया जाता है
JOB
इस तरह का प्रशिक्षण हासिल करने के बाद म्यूजियम, आर्ट गैलरी आदि में जाने का अवसर मिल जाता है इसके अलावा नामी कलाकारों की टीम में भी शामिल होने का अवसर मिलता है.. प्राइवेट गैलरी मे पेंटिंग तैयार करने का काम मिल सकता है. बड़ी कारपोरेट हाउस भी इस तरह की पेंटिंग का संग्रह करने में दिलचस्पी लेते है पेंटिंग तैयार करने में हाथ साफ होने और थोड़ा बहुत अनुभव हासिल करने के बाद पेंटिंग की प्रदर्शनी भी लगाई जा सकती है। पेंटिंग के कद्रदान ओं की संख्या बड़े शहरों में बहुत ज्यादा बढ़ रही है जरा अच्छे दाम पर कलाकृतियां बेचकर कमाई की जा सकती है। इनकी नियुक्तियां, कलाकार ,कला संरक्षण विशेषज्ञ ,व्यवसाय कलाकार, पेंटर ,कला प्रशासक. आदि के तौर पर हो सकती है. इन चीज़ो के अतिरिक्त कला शिक्षक के तौर पर भी स्कूलों में आप काम कर सकते हैं
प्रमुख शिक्षण संस्थान
- महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी बड़ौदा
- कॉलेज आफ आर्ट दिल्ली
- जवाहरलाल नेहरू फाइन आर्ट्स एंड आर्किटेक्चर यूनिवर्सिटी हैदराबाद
- कलाभवन इंस्टीट्यूट आफ फाइन आर्ट्स शांतिनिकेतन
- गवर्नमेंट महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स कॉलेज इंदौर
- सर जे. जे स्टेट्यूट आफ आर्स मुंबई
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