Physiotherapy Medical Career
फिजियोथैरेपी मेडिकल क्षेत्र के अंतर्गत आता है आधुनिक जीवन शैली में शारीरिक तौर पर प्रभावित करने वाले रोगों और चोट अथवा अन्य कारणों से मानव अंगों के सामान्य कामकाज में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षित लोगों की सेवाएं वर्तमान दौर में काफी प्रचलित हो चुकी है सेवाओं में भी ऐसे प्रोफेशनल की नियुक्तियां बड़े पैमाने पर की जाती है
About Physiotherapy
फिजियोथैरेपी हेल्थ केयर सेंटर (Health Care Centre ) में लोकप्रिय व्यवसाय का रूप ले चुका है इसकी ट्रेनिंग के दौरान मानव शरीर की सामान्य गतिशीलता को बरकरार रखना, दुर्घटना के दौरान हुई अंगों की खराबी को दूर करना, तथा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की अन्य व्यक्तियों पर निर्भरता को काफी हद तक समाप्त करने जैसे प्रयास किए जाते हैं यह कार्य व्यायाम अथवा उपकरणों के माध्यम से किया जाता है
Eligibility -
फिजियोथेरेपी में एडमिशन पाने के लिए आप बारहवीं बायो ( 12th PCB ) ग्रुप से पास रहे तभी आप इसमें आसानी से अप्लाई क्र सकते है और अपना करियर बनाने की सोच सकते है
स्किल्स ( Physiotherapy Skill )
ट्रेनिंग (Physiotherapy Training )
फिजियोथेरेपीभी 3 वर्ष का कोर्स होता है और इस कोर्स में एडमिशन 12वीं पास करने के बाद लिया जाता है इसके सिलेबस में बायोलॉजी, फिजिक्स पर आधारित कई तरह के विषय शामिल होते हैं. इनमें खासतौर पर ह्यूमन एनाटॉमी, ह्यूमन फिजियोलॉजी , पैथोलॉजी, फार्मोकोलॉजी, साइकोलॉजी, मेडिकल एंड सर्जिकल कंडीशन, बायोमैकेनिक्स, डिसेबिलिटी प्रिवेंशन, रिहैबिटेशन आदि का उल्लेख किया जा सकता है बारहवीं के बाद बीएससी फिजियोथैरेपी का भी ऑप्शन है इस विषय में मास्टर डिग्री भी कर सकते हैं एमएससी इन फिजियोथैरेपी का भी ऑप्शन है आपके पास
स्पेशलिटी (Physiotherapy special)
अन्य क्षेत्रों की तरह इसमें भी कई तरह की स्पेशलिटी हासिल करने के अवसर हो सकते हैं जैसे मैनुएल थेरेपी , एक्यूपंचर आदि का नाम लिया जाता है
नौकरी के अवसर
फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा करने के बाद आपको हॉस्पिटल, ऑर्थोपेडिक सेंटर, रिहैबिटेशन विभागों आदि में नौकरी के अवसर मिल सकते हैं अनुभव हासिल हो जाने के बाद आप अपना खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं विदेश में भी ऐसे लोगों के लिए रोजगार के अवसर बहुत ज्यादा है
यही नहीं टीचिंग में रुचि रखने युवाओं के लिए फिजियोथेरेपी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में अवसर मिल सकते हैं या चाहे तो वे खुद का अपना स्टीट्यूट भी खोल सकते हैं
रिसर्च के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भी जगह मिल जाती है
प्रमुख संस्थान
चुनौतियां
उपसंहार ( Conclusion )
इस प्रोफेशन में आने से पहले स्वयं को इस क्षेत्र में पूरी तरह से प्रशिक्षित कर लेना जरूरी है आधी अधूरी जानकारी के साथ या ट्रेनिंग के बल पर जॉब तलाशने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बुनियादी तौर पर यह उपचार है इससे जरा सी चूक या लापरवाही फायदे के बदले मे
नुकसान की स्थिति ला सकती है अनुभव नई चीजों को सीखते रहने से आगे बढ़ने और बेहतर जॉब केअवसर खुल जाते हैं
फिजियोथैरेपी मेडिकल क्षेत्र के अंतर्गत आता है आधुनिक जीवन शैली में शारीरिक तौर पर प्रभावित करने वाले रोगों और चोट अथवा अन्य कारणों से मानव अंगों के सामान्य कामकाज में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षित लोगों की सेवाएं वर्तमान दौर में काफी प्रचलित हो चुकी है सेवाओं में भी ऐसे प्रोफेशनल की नियुक्तियां बड़े पैमाने पर की जाती है
About Physiotherapy
फिजियोथैरेपी हेल्थ केयर सेंटर (Health Care Centre ) में लोकप्रिय व्यवसाय का रूप ले चुका है इसकी ट्रेनिंग के दौरान मानव शरीर की सामान्य गतिशीलता को बरकरार रखना, दुर्घटना के दौरान हुई अंगों की खराबी को दूर करना, तथा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की अन्य व्यक्तियों पर निर्भरता को काफी हद तक समाप्त करने जैसे प्रयास किए जाते हैं यह कार्य व्यायाम अथवा उपकरणों के माध्यम से किया जाता है
Eligibility -
फिजियोथेरेपी में एडमिशन पाने के लिए आप बारहवीं बायो ( 12th PCB ) ग्रुप से पास रहे तभी आप इसमें आसानी से अप्लाई क्र सकते है और अपना करियर बनाने की सोच सकते है
स्किल्स ( Physiotherapy Skill )
- सबसे जरूरी है इस पेशे के युवा में सेवा का भावना का होना
- धैर्य से ही लार्ज कर पाना संभव
- पीड़ित व्यक्ति के दर्द को समझने की क्षमता
- कम्युनिकेशन स्किल
ट्रेनिंग (Physiotherapy Training )
फिजियोथेरेपीभी 3 वर्ष का कोर्स होता है और इस कोर्स में एडमिशन 12वीं पास करने के बाद लिया जाता है इसके सिलेबस में बायोलॉजी, फिजिक्स पर आधारित कई तरह के विषय शामिल होते हैं. इनमें खासतौर पर ह्यूमन एनाटॉमी, ह्यूमन फिजियोलॉजी , पैथोलॉजी, फार्मोकोलॉजी, साइकोलॉजी, मेडिकल एंड सर्जिकल कंडीशन, बायोमैकेनिक्स, डिसेबिलिटी प्रिवेंशन, रिहैबिटेशन आदि का उल्लेख किया जा सकता है बारहवीं के बाद बीएससी फिजियोथैरेपी का भी ऑप्शन है इस विषय में मास्टर डिग्री भी कर सकते हैं एमएससी इन फिजियोथैरेपी का भी ऑप्शन है आपके पास
स्पेशलिटी (Physiotherapy special)
अन्य क्षेत्रों की तरह इसमें भी कई तरह की स्पेशलिटी हासिल करने के अवसर हो सकते हैं जैसे मैनुएल थेरेपी , एक्यूपंचर आदि का नाम लिया जाता है
नौकरी के अवसर
फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा करने के बाद आपको हॉस्पिटल, ऑर्थोपेडिक सेंटर, रिहैबिटेशन विभागों आदि में नौकरी के अवसर मिल सकते हैं अनुभव हासिल हो जाने के बाद आप अपना खुद का काम भी शुरू कर सकते हैं विदेश में भी ऐसे लोगों के लिए रोजगार के अवसर बहुत ज्यादा है
यही नहीं टीचिंग में रुचि रखने युवाओं के लिए फिजियोथेरेपी ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में अवसर मिल सकते हैं या चाहे तो वे खुद का अपना स्टीट्यूट भी खोल सकते हैं
रिसर्च के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भी जगह मिल जाती है
प्रमुख संस्थान
- इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंस, अमेठी
- किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ,
- अलीगढ़ इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंस अलीगढ़
चुनौतियां
- सरकारीअस्पतालों में नौकरियां अत्यंत सीमित है
- इसलिए प्राइवेट हॉस्पिटल में करियर बनाने की अधिक संभावनाएं हो सकती है
- शिफ्ट में नौकरी करने की बाध्यता होती है
- प्राइवेट हॉस्पिटल में सैलरी आकर्षक नहीं भी हो सकती है
उपसंहार ( Conclusion )
इस प्रोफेशन में आने से पहले स्वयं को इस क्षेत्र में पूरी तरह से प्रशिक्षित कर लेना जरूरी है आधी अधूरी जानकारी के साथ या ट्रेनिंग के बल पर जॉब तलाशने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बुनियादी तौर पर यह उपचार है इससे जरा सी चूक या लापरवाही फायदे के बदले मे
नुकसान की स्थिति ला सकती है अनुभव नई चीजों को सीखते रहने से आगे बढ़ने और बेहतर जॉब केअवसर खुल जाते हैं
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